Tabele Me Hindu-Muslim / तबेले मे हिन्दू-मुस्लिम / Hindu-Muslim in Stable
Tabele Me Hindu-Muslim / तबेले मे हिन्दू-मुस्लिम (Hindu-Muslim in Stable)
चर्चामंच: "हिन्दुस्तानियत से जिन्दा है कश्मीरियत" (चर्चा अंक-2668)
आज एक खास बातचीत के अंश आपके सामने रखने जा रहा हूँ|
मैं आज मनोज भाई के तबेले पर दूध लेने गया, तो मैने देखा काफी शोर-शराबा हो रहा था| मैने पास जाकर मनोज भाई से इसका कारण पूँछा, तो उन्होने बतलाया - कुछ गायें-भैसे और बकरियाँ अनशन पर है|
मैने पूछा - क्यो भाई?
तो उन्होने कहा - क्या बताऊँ साहब, जबसे यह बैल (नेता) मेरे तबेले के पास रहने आया है, तभी से यह बवाल चल रहा है| इन्होने तो दूध देना ही बंद कर दिया है|
तो मैने आगे पूछा की इनकी मांगे क्या है|
तो उन्होने बतलाया की जो बकरीयाँ है, वो कह रही है की हमे गायों द्वारा गैर धर्म का कहकर अपमानित किया जा रहा है| हम तो सूखा गोबर करते है, लेकिन ये गायें हम पर गीला गोबर के छींटे मारती है| ये अपनी अधिक जनसंख्या के कारण आये दीन हम पर अत्याचार करती रहती है| हम कमजोर और लाचार है, हमे आरक्षण मिलने ही चाहिये हमे हप्ते मे एक दिन दूध न देने की परमीशन मिले| और उचित सुरक्षा मुहैया कराई जाये| जब तक हमारी मांगे पुरी नही होती, यह आन्दोलन चलता रहेगा|
उन्होने आगे कहा - आब गायों की समस्या भी सुन लीजिये, उनका कहना है की हम आपके तबेले में पहले से रहते आयें है, और अब ये दूसरे धर्म के लोग आकर हमारा अधिकार छीनना चाहते है| पहले सारा तबेला हमारा था, आज उन्होने आधे तबेले पर अतिक्रमण कर लिया है| पहले आप हमे ही प्यार से चारा खिलाते थे, अब आप उनको भी प्यार से चारा खिलाते हो| हम हमारे साथ अन्याय सहन नही करेंगे| हम उच्च कोटी के जानवर है, लोग हमारा मूत्र तक पी जाते है, केलिन ये लोग यहाँ आकर गंदगी फैलाते है| इन्हे बाहर हटाया जाये, और हमे इनसे अच्छी सुविधायें दी जाये| नही तो यह आन्दोलन चलता रहेगा|
उन्होने फिर मुझसे पूछा - अब आप ही बताये हम क्या करें|
फिर मैने धीरे से दुध का बर्तन लिया और वापस घर की तरफ बढ चला|
तो मनोज ने पूछा - क्या हुआ आप चले क्यो जा रहे है|
मैने कहा - एक यही तो बचे थे, राजनिती से, लेकिन जब राजनेताओं ने यहाँ भी धर्मांधता का बीज बो दिया, तो इनके से द्वेष की बदबू आनी तय है|
ऋषभ शुक्ला
मेरे मन की / Mere Man Kee
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3 टिप्पणियां:
वाह!!!
सटीक व्यंग...।
बहुत बहुत शुक्रिया सुधा जी
मै भी राजपूत योद्धाओं के बारे में लिखता हूं
आपने बिल्कुल सटीक बात की है अपने लेख में
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