"" Mere Man Kee: Ek Ladka, Ek Ladki / एक लड़का, एक लड़की / A Boy, A Girl

शनिवार, 1 अगस्त 2020

Ek Ladka, Ek Ladki / एक लड़का, एक लड़की / A Boy, A Girl

EK-LADKA-EK-LADKI

एक अनोखी प्रेम कहानी  - Ek Ladka, Ek Ladki / एक लड़का, एक लड़की / A Boy, A Girl


एक अनोखी प्रेम कहानी  - Ek Ladka, Ek Ladki / एक लड़का, एक लड़की / A Boy, A Girl


एक तरफ तो दोनों जमींदारो में दुश्मनी बढती जा रही थी, वही दूसरी ओर सुरभि शुक्ला और वैदेही सिंह कि दोस्ती भी गहरी होती जा रही थी| सुरभि वैसे तो अकेले ही कॉलेज जाया करती थी लेकिन कभी-कभी सूरज उसको छोड़ने जाता था| एक दिन जब सुरभि कॉलेज जाने को तैयार थी, तभी पीछे से सुरज ने कहा - "रुको सुरभि ! मै तुम्हारे कॉलेज कि ओर ही जा रहा हूँ तुम्हे छोड़ दूंगा|" 
अभी उसकी बात पूरी भी नहीं हुई थी कि उनकी माँ सुषमा देवी बोल पड़ी - "पहले खाना खा लो उसके बाद जाओ|"
दोनों एक साथ बोल पड़े - "रास्ते में कुछ खा लेंगे|"

और दोनों निकल पड़े दोनों कॉलेज कि ओर ...

सूरज ने सुरभि को कॉलेज के गेट पर छोड़ दिया और फिर कही चला गया, लेकिन थोड़ी दूर जाने पर उसे याद आया - "मै अपना मोबाइल तो सुरभि के पास ही छोड़ आया|" 

और वो मोबाइल वापस लेने कॉलेज कि ओर लौटा, और सुरभि को ढूढते हुए लाइब्रेरी पँहुच गया, तो देखा कि सुरभि किसी के साथ बैठ कर पढाई कर रही थी, लेकिन जैसे ही सुरभि ने सूरज को देखा तो वो डर गयी, और वहां से उठकर तुरंत ही लाइब्रेरी से बाहर आ गयी लेकिन सूरज को समझ में आ गया कि सबकुछ ठीक नहीं है, क्योकि सुरभि और सूरज एक दुसरे को अच्छे से समझते थे| जब उसने सुरभि से पूंछा - "क्या हुआ ? बाहर क्यों आ गयी ? और वो लड़की कौन थी जो तुम्हारे साथ बैठी थी?"

सुरभि बोळी - "कुछ नहीं ! वो मेरी दोस्त है|"

और फिर वो मोबाइल देकर चली गयी लेकिन सुरज लगा कि कुछ गड़बड़ है और उसने उस लड़की के बारे में पता लगाया तो पूरी सच्चाई सामने आ गयी| 

वो तुरंत वापस कॉलेज आया| और सुरभि और वैदेही को बुलाकर दोनों को समझाते हुए कहा - "तुम दोनों एक साथ क्या कर रही हो, क्या तुम दोनों को नहीं पता कि हमारे परिवारों के बिच में कितनी दुश्मनी है? और हमारे बापों को पता चल गया तो दोनों एक दुसरे के खून के प्यासे हो जायेंगे|" 

तो दोनों बोल पड़ी - "हमारी दोस्ती तो ऐसे सौ दुश्मनी पर भारी है|" दोनों बेहद जिंदादिल थे, और दोनों को अपने बापों के रसूख और अकड़ से कोई मतलब नहीं था|"

और फिर तीनो मुस्कुराने लगे, और तीनो ने कैंटीन में बैठकर चाय पीया और ढेर सारी बात किया, और फिर घर चले गए| 

वैदेही और सुरज कि वही पहली मुलाकात थी, और दोनों ने पहली नजर में ही दोनों एक दुसरे को पसंद करने लगे|
सूरज को वैदेही का बिंदास अंदाज और खुले विचारो से और वैदेही को सूरज के सुलझे हुए होने के कारण प्रेम हो गया| 

और इस तरह एक दुसरे के खून के प्यासे परिवार एक दुसरे के करीब आते चले गए| और दो जवां दिल एक दुसरे के करीब आ गए और प्रेम परवान चढ़ता गया .....

जारी है ....


ऋषभ शुक्ला

मेरे मन की / Mere Man Kee


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8 टिप्‍पणियां:

Rishabh Shukla ने कहा…

आपके विचार और सुझाव हमें और लिखने हेतु प्रोत्साहित करते है, इसीलिए अपने विचार जरूर लिखे | मै आपके पुनः आगमन की अपेक्षा करता हूँ |
धन्यवाद |

Rishabh Shukla ने कहा…

एक अनोखी प्रेम कहानी - Ek Ladka, Ek Ladki / एक लड़का, एक लड़की / A Boy, A Girl

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Kavi ने कहा…

बहुत ही सुंदर लिखा है आप मेरी रचना भी पढना

Rishabh Shukla ने कहा…

आपका बहुत बहुत आभार, मैं जरूर पढ़ूंगा|

Shivam shukla ने कहा…

Nice

Rishabh Shukla ने कहा…

बहूत बहूत धन्यवाद शिवम् शुक्ला जी

New Hindi Shayari ने कहा…

कविता की हर पंक्ति दिल को छू जाती है।

Rishabh Shukla ने कहा…

बहुत बहुत आभार New Hindi Shayari जी

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